jean piaget complete theory 1. यह सिद्धान्त ज्ञान की प्रकृति के बारे में है और बतलाता है कि मानव कैसे ज्ञान क्रमशः इसका अर्जन करता है, कैसे इसे एक-एक कर जोड़ता है और कैसे इसका उपयोग करता है। 2. व्यक्ति वातावरण के तत्वों का प्रत्यक्षीकरण करता है; अर्थात् पहचानता है, प्रतीकों की सहायता से उन्हें समझने की कोशिश करता है तथा संबंधित वस्तु/व्यक्ति के संदर्भ में अमूर्त चिन्तन करता है। 3. कोई भी व्यक्ति वातावरण में उपस्थित किसी भी प्रकार के उद्दीपकों (स्टिमुलैंट्स) से प्रभावित होकर सीधे प्रतिक्रिया नहीं करता है, पहले वह उन उद्दीपकों को पहचानता है, ग्रहण करता है, उसकी व्याख्या करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि संज्ञात्माक संरचना वातावरण में उपस्थित उद्दीपकों और व्यवहार के बीच मध्यस्थता का कार्य करता हैं । 4. पियाजे ने व्यापक स्तर पर संज्ञानात्मक विकास का अध्ययन किया। पियाजे के अनुसार, बालक द्वारा अर्जित ज्ञान के भण्डार का स्वरूप विकास की प्रत्येक अवस्था में बदलता हैं और परिमार्जित होता रहता है https://youtu.be/MAg10uILDQo SEE FULL VIDEO 5. पियाजे के संज्ञानात्मक सिद्धान्त को विकासात्मक सि
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GLOBAL WORLD ACADEMY अधिगम अक्षमता का वर्गीकरण full video of alll disorders https://youtu.be/NheU9FaQaAg अधिगम अक्षमता एक वृहद् प्रकार के कई आधारों पर विभेदीकृत किया गया है। ये सारे विभेदीकरण अपने उद्देश्यों के अनुकूल हैं। इसका प्रमुख विभेदीकरण ब्रिटिश कोलंबिया (201) एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिएबलिटी ए गाइड फॉर टीचर्स में दिया गया है , जो निम्नलिखित है - 1. डिस्लेक्सिया ( पढ़ने संबंधी विकार ) 2. डिस्ग्राफिया ( लेखन संबंधी विकार ) 3. डिस्कैलकूलिया ( गणितीय कौशल संबंधी विकार ) 4. डिस्फैसिया ( वाक् क्षमता संबंधी विकार ) 5. डिस्प्रैक्सिया ( लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार ) 6. डिसऑर्थोग्राफ़िय ( वर्तनी संबंधी विकार ) 7. ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर ( श्रवण संबंधी विकार ) 8. विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर ( दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार ) 9. सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग डिसआ